how to get salvation
how to get salvation उद्धार कैसे पाएँ ?🌼
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हर इंसान को इस संसार में उद्धार पाने की जरुरत है लेकिन उद्धार कैसे मिल सकता है ये बहुत से लोग नहीं जानते ।
🌲🌲आइए जानें🌲🌲
सबसे पहले ये जानना बहुत ही जरुरी है कि ये उद्धार आखिर में है क्या है ?
उद्धार, मुक्ति, मोक्ष, जन्म और मरण से हमेशा हमेशा के लिए छुटकारा ये अलग अलग शब्द एक ही बात को बताते हैं ।
दुनिया का कोई भी इंसान नहीं चाहता कि वह कभी बीमार हो न ही वह ये चाहता कि वह कभी दु:खी हो, न ही वह ये चाहता है कि वह कभी भी बूढा हो । न ही वह ये चाहता है कि वह मरे । लेकिन उसकी लाख कोशिशों के बावजूद भी वह इनसे बच नहीं सकता क्योंकि इसका मूल कारण तो पाप है जिसकी वजह से ही ये सब समस्याएं हैं ।
उद्धार पाने के लिए सबसे पहले क्या करना जरुरी है ? आईए जानें ।
सबसे पहले खुद को पहचाने ******।
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कि मैं एक पापी हूँ और परमेश्वर के बगैर भटका हुआ हूँ क्योंकि लिखा है कि सब भटक गए हैं, सबके सब निकम्मे बन गए हैं कोई भलाई करने वाला नहीं (रोमियों 3:12) इसलिए कि सबने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से दूर हैं (रोमियों 3:23) इसलिए कि एक मनुष्य (पहला आदम) के द्वारा पाप जगत में आया और पाप ही के द्वारा मृत्यु आई और इस तरह से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई क्योंकि सबने पाप किया (रोमियों 5:12)
दूसरा ये कि विश्वास करना ************।
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एक पापी मनुष्य को इस खुशखबरी पर विश्वास करने की जरुरत है कि परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह को सब पापियों की जगह मरने के लिए भेजा ताकि पाप की सारी कीमत को चुकाया जा सके क्योंकि लिखा है कि परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस तरह प्रकट करता है कि जब हम पापी थे तभी मसीह हमारे लिए मरा (रोमियों 5:8) और वह न केवल मरा बल्कि गाडा भी गया और मुर्दों में से जी उठा । क्योंकि लिखा है कि पवित्रशास्त्र के अनुसार प्रभु यीशु मसीह हमारे पापों के लिए मर गया और गाडा गया और पवित्रशास्त्र के अनुसार ही वह तीसरे दिन जी भी उठा (1कुरिन्थियों 15:3-4) और इसीलिए जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं वह उनका पूरा पूरा उद्धार कर सकता है क्योंकि वह उनके लिए विनती करने को हमेशा हमेशा के लिए जीवित है (इब्रानियों 7:25) क्योंकि प्रभु यीशु मसीह वही हमारे पापों का प्रायश्चित है और केवल हमारे ही नहीं बल्कि सारे जगत के पापों का भी (1यूहन्ना 2:2) क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र कुर्बान कर दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो बल्कि अनन्त जीवन पाए (यूहन्ना 3:16) ।
तीसरा पश्चाताप करना और कबूल करना **********।
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लिखा है कि यदि तू अपने मुँह से यीशु को प्रभु जानकर अँगीकार (कबूल) करे और अपने मन से विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिंदा किया तो तू निश्चय ही उद्धार पाएगा । क्योंकि धार्मिकता के लिए मन से विश्वास किया जाता है और उद्धार पाने के लिए मुँह से कबूल किया जाता है ।
(रोमियों 10:9-10 ) यदि हम अपने पापों को मान लें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है (1यूहन्ना 1:9) ।
चौथा मसीह में लगातार बढना ***********।
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इसलिए जैसे तुमने मसीह यीशु को प्रभु ग्रहण कर लिया है वैसे ही उसमें चलते रहो और उसी में जड पकडते और बढते जाओ और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में मजबूत होते जाओ और अधिक से अधिक धन्यवाद करो (कुलुस्सियों 2:6-7) । इसलिए हे भाईयो चौकस रहो कि तुम में ऐसा बूरा और अविश्वासी मन न हो जो तुम्हें जिंदा परमेश्वर से दूर हटा ले जाए (इब्रानियों 3:12) ।
पाँचवां उसकी इस दया को अनुभव करना ********।
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क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है और ये तुम्हारी ओर से नहीं बल्कि परमेश्वर का दान है और न ही कर्मों के कारण ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे (इफिसियों 2:8-9) परमेश्वर सच्चा है जिसने तुमको अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है (1कुरिन्थियों 1:9) । जिसने हमारा उद्धार किया और पवित्र बुलाहट से बुलाया और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं पर उसके उद्देश्य और अनुग्रह से है जो मसीह यीशु में सनातन से हम पर हुआ है ।
छठा दूसरों को भी सिखाना ********।
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क्योंकि प्रभु यीशु मसीह ने ये कहा कि तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को ये खुशखबरी प्रचार करो (मसकुस 16:15) और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी मानना सिखाओ और देखो मैं जगत के अंत तक सदा तम्हारे संग हूँ (मत्ती 28:20) ।
सातवाँ प्रभु यीशु के फिर से आने का इंतजार करना *****।
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प्रभु यीशु ने कहा तुम्हारा मन व्याकुल न हो मुझ पर विश्वास रखो मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं यदि न होते तो मैं तुमसे कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिए जगह तैयार करुँ तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो (यूहन्ना 14:1-3) यही यीशु जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा (प्रेरितों के काम 1:11) प्रभु यीशु ने कहा देख मैं शीघ्र आने वाला हूँ और हर एक के काम के अनुसार न्याय करुंगा । मैं अल्फा और ओमेगा पहला और अन्तिम, आदि और अंत हूँ । (प्रकाशितवाक्य 22:12)
देख मैं शीघ्र आने वाला हूँ । धन्य हैं वह जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है (प्रकाशितवाक्य 22:7) ।
प्रभु यीशु ने कहा सत्य, मार्ग और जीवन मैं ही हूँ बिना मेरे द्वारा कोई पिता परमेश्वर के पास नहीं पहूँच सकता ।
(यूहन्ना 14:6)
क्योंकि लिखा है समय पूरा हुआ है और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है मन फिराओ और इस खुशखबरी पर विश्वास करो (मरकुस
Satish
ReplyDeleteHghf
ReplyDeleteMere liye ek life partner
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